चंडीगढ़: नामधारी संगत द्वारा कलानौर, जिला गुरदासपुर, पंजाब में हो रहे होला-मोहल्ला समागम के अंतिम दिन 27 मार्च को भारतीय धर्म एकता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
सम्मेलन का शुभारंभ चारों भारतीय धर्मों के आचार्यों को एक साथ बिठाकर किया जाएगा। इसका उद्देश्य है धार्मिक एकता का एक बीज बोना।
नवतेज सिंह, तेजिंदर सिंह और बीबी राजपाल कौर ने चंडीगढ़ में बताया कि नामधारी पंथ
के वर्तमान गुरु दलीप सिंघ द्वार यह सम्मेलन छोटे स्तर पर किया जा रहा है। आने
वाले समय में बड़े आचार्यों को बुलाकर, बड़े स्तर पर "भारतीय धर्म एकता
सम्मेलन" करवाने का विचार सतगुरु दलीप सिंघ जी का है।
उन्होंने कहा कि चारों भारतीय धर्मों को एक साथ होकर अपनी उन्नति करनी चाहिए। यह
विचार और यह कार्य आज तक और किसी ने नहीं किया है। यह केवल सतगुरु दलीप सिंघ जी का
ही एक विलक्षण और नया विचार है।
नवतेज सिंह, तेजिंदर सिंह और बीबी राजपाल कौर ने आगे कहा कि सतगुरु दलीप सिंह जी
ने आज से 6-7 वर्ष पहले चारों भारतीय धर्मों (हिंदू, सिख, जैन तथा बौद्ध) से एक हो
जाने का आह्वान किया था। उन्होंने सभी से विनती की थी कि "आप चारों धर्म एक
हो जाओ"। परंतु, आज तक उनमें एकता नहीं हो पाई और किसी ने उनको इकट्ठे बिठाने
का प्रयत्न भी नहीं किया।
गुरु जी ने स्वयं ही, उन चारों भारतीय धर्मों तथा उनके आचार्यों को एक मंच पर
एकत्रित करने का प्रयत्न किया है, ताकि आगे चलकर उनमें पूर्ण रूप से एकता हो सके।
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