बदायूं, 02 फरवरी, 2022: बदायूं जिले की बिसौली तहसील में ग्राम पलई पिछले
तीन सप्ताह से एक अज्ञात महामारी से जूझ रहा है। गांव में अज्ञात बीमारी से
मवेशियों की एक के बाद एक मौत होने का सिलसिला जारी है। जिला प्रशासन की ओर से कोई
ठोस कार्यवाही नहीं किए जाने के चलते गांव वाले न सिर्फ चिंता में जी रहे हैं,
बल्कि अनेक किसानों को लाखों रुपए की चपत लग चुकी है। पशुओं का टीकाकरण न होने की
वजह से मवेशी मर रहे हैं, जिनमें गायों के अलावा ज्यादा संख्या में भैंसें हैं।
 |
पलई गांव : अशर्फी, राजेश और वासुदेव के मृत मवेशी |
आसपास के कई गांवों में यह
महामारी फैली है। पलई में पिछले तीन सप्ताह में 40 से अधिक दुधारू पशुओं की मौत हो
चुकी है। पलई निवासी राजेश यादव ने बताया कि पशुओं में खुरपका और मुंहपका रोग चल
रहा था, लेकिन अब उनकी मौत किसी अज्ञात रोग से हो रही है। ठीक-ठाक दिखने वाली
भैंसें अचानक से गिरती हैं और तत्काल मौत हो जाती है। पड़ोस के बाकरपुर गांव में इस
रोग से 160 भैंसें खत्म हो गयीं, ऐसा ही नौली गांव में हुआ। फिर दिसौलीगंज में 50
के लगभग पशुओं की मौत हो गयी। उसके बाद पलई में इसका प्रकोप चल रहा है। क्षेत्र में 400 से अधिक पशु इस अज्ञात रोग के शिकार हो चुके हैं। अनेक
भैंसें अभी बीमार हैं।
 |
बीते सप्ताह मृत पशुओं के शव सड़क किनारे |
उल्लेखनीय है कि पलई में 24
जनवरी को 20 से अधिक पशुओं के शव सड़क किनारे पड़े थे। मवेशियों को टीकाकरण और इलाज की
जरूरत है, जिसका प्रबंध जिला प्रशासन की ओर से नहीं किया गया है। वजीरगंज ब्लॉक से पशु चिकित्सक सामान्य उपचार के लिए
तीन-चार दिन पलई पहुंचे जरूर, लेकिन महामारी का समाधान नहीं कर सके। उन्होंने गांव
वालों को कोई उपाय भी नहीं बताया। कुल मिलाकर यह महज एक औपचारिकता थी। भैंसों की अकाल मौतें रोकने के
लिए प्रभावी इलाज और रोग की पहचान करने की आवश्यकता है। जिनका नुकसान हुआ है
उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। जिला प्रशासन को तुरंत इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
 |
दैनिक बदायूं अमर प्रभात, 25 जनवरी, 2022 |
 |
दैनिक अमृत विचार, 25 जनवरी, 2022 |
 |
दैनिक लक्ष्य, बरेली, 28 जनवरी, 2022 |
सी न्यूज यूट्यूब चैनल की
रिपोर्ट : https://youtu.be/udKp4cI5B4s
Comments
Post a Comment