दिव्यांजलि योगपीठ देशभर में लगाएगा एक लाख पौधे


गुरुग्राम : हरिद्वार के दिव्यांजलि योगपीठ ने देश के विभिन्न हिस्सों में एक लाख से भी अधिक पौधरोपण करने का निर्णय किया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत इसी गुरुवार को गुरुग्राम के सेक्टर 23 से की गई। इस मौके पर 20 पौधे लगाए गए। पौधरोपण के इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यअतिथि के तौर पर दिव्यांजलि योगपीठ के संस्थापक पूज्य देवर्षिजी महाराज, वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य रईस खान पाठन, गुरुग्राम के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के अतिरिक्त निजी सचिव जीएल यादव, दिल्ली विकास प्राधिकरण के निदेशक वीरेंद्र सिंह तोमर, गुड़गांव के स्थानीय समाजसेवी प्रदीप (पदम), मां कमला देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन कुंवर जोगिन्दर सिंह चौहान, देवर्षि महाराज के सलाहकार निर्मल जैन के अलावा दिल्ली और हरियाणा की कई अन्य चर्चित हस्तियों ने हिस्सा लिया। 

पौधरोपण कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए जोगिन्दर सिंह ने बताया कि एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य अगले दो से तीन महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिव्यांजलि योगपीठ में किसी भी चयनीत स्थान पर सीमित संख्या में ही पौधे लगाने का निर्णय इसलिए किया है ताकि पौधों की अच्छी तरह देखभाल की जा सके। उन्होंने आगे कहा, 'अक्सर बड़ी संख्या में पौधरोपण कर दिया जाता है, लेकिन ऐसा किए जाने के बाद पौधों की उचित देखभाल नहीं की पाती जिस वजह से अनेक पौधे भविष्य में विशाल वृक्ष का रूप नहीं अख्तियार कर पाते। इसीलिए दिव्यांजलि ने किसी स्थान विशेष पर सीमित संख्या में पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल के लिए तय लोगों को जिम्मेदारी सौंपते हुए इस काम को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है।' वहीं प्रदीप (पदम) ने कहा कि निकट भविष्य में जब ये पौधे वृक्ष का रूप धारण कर लेंगे तो पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण के खिलाफ जारी युद्ध में एक अहम और प्रभावी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने आगे कहा, 'पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें किसी एक समूह या संस्था पर निर्भर नहीं रहना होगा। यह समस्या सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर में फैल रही है ऐसे में सामाजिक रूप से सामुदायिक तौर पर हम सभी को यह जिम्मेदारी उठानी होगी और पर्यावरण संरक्षण का बीड़ा उठाना होगा।' वहीं कार्यक्रम में शिरकत करने वाले गुड़गांव के ही स्थानीय निवासी कैप्टन जगदीश सिंह ने हरियाणा और देश देश लोगों से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी को अपनी क्षमता के अनुसार पौधरोपण करके उनके वृक्ष का रूप लेने तक देखभाल करनी चाहिए तभी प्रदूषण रूपी 'रावण' का वध करने में हम सफल हो सकेंगे।  

इस मौके पर निर्मल जैन ने पत्रकारों को बताया कि देवर्षिजी महाराज ने करीब तीन साल पहले दिव्यांजलि योगपीठ की स्थापना की थी। मौजूदा समय में यह संस्था असहाय और गरीब बच्चों की शिक्षा के अलावा बुजुर्गों के लिएभोजन उनके उपचार का प्रबंध  कर रही है। इसके अलावा दिव्यांजलि ने शुगर, ब्लड प्रेशर, दिल संबंधी बीमारी के इलाज में काम आने वाली अनेक आयुर्वेदिक औषधियों का निर्माण भी शुरू किया है। साथ ही दिव्यांजलि के त्रिफला, आंवला चूर्ण के अलावा शुद्ध तेल और कई दूसरी तरह की खाद्य सामग्रियां भी देश के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद अनेक रिटेल स्टोरों  के अलावा ऑनलाइन माध्यमों से भी इन उत्पादों की खरीदारी की जा सकती है। 

दिव्यांजलि योगपीठ की भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, 'निकट भविष्य में गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर आधारित एक आश्रम के निर्माण की योजना बनाई जा चुकी है जिसे जल्दी ही मूर्त रूप दिया जाएगा। इस गुरुकुल में शिक्षा हासिल करने के लिए आने वाले विद्यार्थियों को वैदिक धर्म, सनातन संस्कृति, शास्त्रों और उपनिषद का ज्ञान दिया जाएगा।' निर्मल जैन ने आगे कहा, 'मौजूदा समय और परिस्थितियों में यह इसलिए भी अत्यंत आवश्यक हो गया है क्योंकि आज की युवा पीढ़ी भारत की पारंपरिक विरासत से दूर होती जा रही है। ऐसे में कुछ संस्थाओं और संगठनों को आगे आना होगा जिससे कि हम उस प्राचीन और समद्ध विरासत को बचाए रख सकें।'

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