हरियाली के समुद्र में एक टापू सा है रायवाल गांव

         
The Prakash Foundation team at Raiwal village in Punjab

सिद्धार्थ भदौरिया : गांवों की समृद्धि का स्वरूप कोई देखना चाहता है तो उसे पंजाब आना चाहिए। पंजाब एक ऐसा प्रदेश है जहां के गांव शहरों को भी मात देते हैं। यहां के लोग जितने मेहनती हैं, उनके काम करने का तरीका भी उतना ही व्यवस्थित है। एक ऐसे ही गांव को देखने और समझने की तमन्ना लिए मैं जालंधर के लिए निकला। 

25 अगस्त 2013 को सुबह छह बजे चंडीगढ़ से संस्था के सदस्य जालंधर के लिए निकले। वहां जाने के लिए हमने एक प्राइवेट सवारी गाड़ी बुक की थी। इसमें संस्था के सभी छह लोग सवार होकर अपनी मंजिल की ओर निकल पड़े। चंडीगढ़ से जालंधर के रास्ते में सडक़ के दोनों ओर खेतों में धान और गन्ने की फसल लगी हुई थी।  दूर- दूर तक फैले हजारों हेक्टेयर खेते में लगी फसलें विशाल हरे मखमली चादर की तरह दिख रही थी।  

हमें जालंधर के नकोदर तहसील स्थित रायवाल गांव जाना था। जिन साथियों ने हमें रायवाल आने का न्यौता दिया था, उन्हें भी जालंधर से अपने साथ लेना था। करीब दस बजे हम जालंधर पहुंचे। वहां स्थिति हमारे सहयोगियों ने हमारा स्वागत किया और फिर उनके साथ हम रायवाल के लिए रवाना हो गए। जालंधर से रायवाल करीब 30 किलोमीटर है। रायवाल पहुंचने में हमें बमुश्किल तीस मिनट लगे। जालंधर से रायवाल जाते वक्त सडक़ बहुत ही अच्छी थी। वह सडक़ मोगा तक गई थी। उस पर गाड़ी ऐसे चल रही थी, जैसे मक्खन के ऊपर छूरी। ऐसी ही सडक़ चंडीगढ़ से जालंधर के बीच भी थी। 

जालंधर जिले के नकोदर तहसील स्थित एक छोटा सा गांव रायवाल, हरियाली के समुद्र में एक टापू सा प्रतीत होता है। आजादी से पहले यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों की बहुलता थी। बंटवारे के वक्त यहां के मुस्लिम पाकिस्तान चले गए। पाकिस्तान जाते वक्त उन्होंने अपनी जमीनें यहां के लोगों को सस्ते भाव में दे दी। रायवाल में करीब सौ घर हैं। आधिकारिक रूप से मतदाताओं की संख्या करीब चार सौ है। साथ ही यहां की आबादी लगभग आठ सौ है। 

यह गांव काफी खुशहाल और समृद्ध है। यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती है। इस गांव के कई लोग बाहर विदेशों में भी है। गांव की सरपंच रंजीत कौर ने बताया कि, हमलोग वर्षभर में तीन फसलें उपजा लेते हैं। गांव के लोगों की पशुपालन में काफी रूचि है। इस गांव की कुछ गायें 30 -30 लीटर दूध तक देती है। इस गांव में बिजली, पानी और इंटरनेट तक की सुविधा है। यहां खेती किसानी करते हुए भी लोग काफी जागरूक और पढ़े लिखे हैं। 

रायवाल एक आदर्श गांव के हर एक मापदंड को पूरा करती है। यहां स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और कृषि व पशुपालन से जुड़ी हर एक सुविधा उपलब्ध है।



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